
भिलाई| महिला कांग्रेस की प्रदेश में म्हासचिव श्रीमती श्वेता मिश्रा ने अपने वक्तव्य में कहा की विगत दिनों 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 7 मई पाकिस्तान के कुछ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। भारतीय सेना के अधिकारियों द्वारा इस ऑपरेशन के 5 नाम केंद्र सरकार को सुझाए गए। आखिरकार दो नाम ऑपरेशन मंगल सूत्र या ऑपरेशन सिन्दूर चुने गए पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई महिलाओं के सुहाग मिटा दिए गए।
इसलिए प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिन्दूर पर मंजूरी दी और विपक्ष ने सर्व सहमति से इस ऑपरेशन को अपना समर्थन प्रदान किया। पर ऑपरेशन सिन्दूर के प्रथम चरण को पूर्ण करने के बाद। सेना के मनोबल को बढाने की जगह सीजफायर की घोषणा तथाकथित हमारे मित्र देश या पाकिस्तान के मित्र देश अमेरिका की मध्यस्थता के बाद कर दी गई। और अब केन्द्र सर केंद्र की मोदी सरकार।सेना ने इस पराक्रम को अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए भुनाना चाहती है मोदी सरकार ने यह घोषणा की है कि 9 जून से एक माह तक देश के हर घर में सिंदूर की डिबिया मोदी सरकार पहुँँचायेगी। इसके अंतर्गत हर सांसद। प्रति। दिन 15 से 20 km पदयात्रा भी करेंगे। इस घोषणा के बाद से देश की महिलाओं में भारी आक्रोश है। क्योंकि जिस सनातन को आड़ बना कर भाजपा सत्ता में आई। आज उसी सनातन धर्म में वैवाहिक महिलाओं को सिंदूर बांट कर उनके अधिकारों का तिरस्कार किया जा रहा है।
क्योंकि भारतीय प्रथा में। महिलाओं को सिंदूर देने का अधिकार सिर्फ उनके पति का है न कि अन्य किसी और का। शास्त्रों की परंपरा के अनुसार
माँ दुर्गा को भी “”सिंदूर खेला”” नामक पूजा पद्धति।
से पूजा प्रदान की जाती है जिसमें विवाहित महिलाओं का विशेष महत्व है। वे देवी के माथे पर और पैरों पर सिंदूर लगा कर अपने पति और बच्चों की दीर्घआयु की प्रार्थना करतीं हैं
शास्त्रों में ये भी विदित है कि पुरुषों को माँ के “”तिलक अर्चना। “”करने के अधिकार। है न कि सिंदूर लगाने का।
तो क्या मोदी सरकार हर-हर मोदी और धर- घर मोदी को भूलकर सेना के पराक्रम और शौर्य पर अपनी पार्टी को आगे बढ़ाना चाहती है। और हम प्रश्न पूछते हैं एक चुटकी सिन्दूर की कीमत तुम क्या जानो नरेन्द्र बाबू? जिसने अपने द्वारा स्वयं की पत्नी को दिये 7 वचनों और उनकी मांग में भरे सिंदूर की कीमत ना समझी और उन्हें छोड़कर आज देश की महिलाओं को घर सिंदूर भेज कर कौन से धर्म और प्रतिज्ञा का निर्वाह कर रहे हैं