दुर्ग| मत्स्य कृषकों को केन्द्र शासन द्वारा संचालित प्रधानमंत्री किसान समृद्धि सह योजना के तहत् विभिन्न घटकों का लाभ प्राप्त करने के लिए एनएफडीपी पर पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। संचालक मछली पालन श्री नारायण सिंह नाग ने बताया कि एनएफडीपी का मुख्य उद्देश्य सभी मत्स्य पालक, मत्स्य पालन समूहों एवं मत्स्य समितियों के लिए कार्य आधारित पहचान का डाटाबेस निर्माण के माध्यम से भारतीय मत्स्य पालन को औपचारिक रूप देना है। भविष्य में प्रधानमंत्री किसान समृद्धि सह योजना के तहत् मत्स्य पालन अंतर्गत संचालित सभी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु एनएफडीपी पर पंजीकरण अनिवार्य होगा। इसके तहत मछली पालन, मत्स्याखेट एवं मछली बेचने के व्यवसाय से जुड़े सभी लोगों का पंजीयन कॉमन सर्विस सेंटर (च्वाईस सेंटर) के माध्यम से किया जा सकेगा।
संचालक श्री नाग ने बताया कि यदि परिवार के सभी सदस्य मछली पालन कार्य में संलग्न है, तो सभी का पंजीयन व्यक्तिगत रूप से किया जायेगा। पंजीयन के बाद मत्स्य विभाग से सत्यापन पश्चात उनके बैंक खातें में 80 रूपये शासन की ओर से प्राप्त होगा तथा कॉमन सर्विस सेंटर (च्वाईस सेंटर) को उनके प्रत्येक एन्ट्री पर 18 रूपये कमीशन के रूप में प्राप्त होगा। पंजीयन हेतु मत्स्य कृषकों को अपना आधार कार्ड, बैंक पासबुक तथा आधार लिंक मोबाईल नम्बर के साथ कॉमन सर्विस सेंटर (च्वाईस सेंटर) में एन्ट्री कार्य कराया जाना है। पंजीयन हेतु आधार लिंक मोबाईल नंबर पर प्राप्त ओटीपी अनिवार्य होगा। पंजीयन के बाद प्रारम्भ में अस्थायी प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। कृषकों का मत्स्य विभाग से सत्यापन पश्चात स्थायी प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा। राज्य के सभी जिलों मंे मत्स्य कृषकों का एनएफडीपी में पंजीयन प्रारंभ हो चुका है। संचालक मछलीपालन ने राज्य के सभी मत्स्य कृषकों से एनएफडीपी पंजीयन कराने की अपील की है।